आखिरकार राजन ने शादी करने का फैसला कर लिया है। पर उस वक़्त इकबाल, सलमा और सभी को गहरा झटका लगता है जब पता चलता है कि दुल्हन शोभा नहीं बल्कि कोई और है। दूसरी तरफ राजन-इकबाल का पुराना दुश्मन- फिंगही एक बार फिर विश्व-विजय के सपने देख रहा है। कहानी उस वक़्त और भी रोचक हो जाती है जब मिशन इम्पॉसिबल फ़ोर्स का एजेंट ईथन हंट भारत पहुँचता है। इस उपन्यास में शुभानन्द के नए किरदार जावेद-अमर भी पहली बार दिखाई पड़ते हैं।